Political News

विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह खारिज होने के बाद राजस्थान के CM बोले, “गवर्नर के व्यवहार को लेकर कल PM से बात की…”

विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह खारिज होने के बाद राजस्थान के CM बोले, "गवर्नर के व्यवहार को लेकर कल PM से बात की..."
Email :55

राजस्थान विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह राज्यपाल की ओर से बार-बार खारिज होने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा है कि उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है.

इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. गहलोत ने सोमवार को कहा कि उन्होंने ‘गवर्नर के व्यवहार को लेकर कल PM से बात’ की है. गहलोत ने कहा कि ‘मैंने पीएम मोदी से गवर्नर के बर्ताव को लेकर फोन पर बात की. सात दिन पहले जो लेटर लिखा था, उसे लेकर भी बात की.’

बता दें कि अभी सोमवार को ही गवर्नर कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने की मांग वाली फाइल को लौटा दिया है. गहलोत ने गवर्नर के पास 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा था. उनके प्रस्ताव को लौटाते हुए गवर्नर ने उनसे दो सवाल पूछे हैं.  उन्होंने गहलोत से पूछा है- ‘क्या आप ‘विश्वास प्रस्ताव’ लाना चाहते हैं? क्योंकि प्रस्ताव में आपने इसका ज़िक्र नहीं किया जबकि आप पब्लिक और मीडिया में कह रहे हैं कि आप ‘विश्वास प्रस्ताव’ लाएंगे.’ उन्होंने दूसरा सवाल पूछा है कि ‘कोरोना की वजह से इतने कम समय में सभी विधायकों को विधानसभा सत्र के लिए बुलाना मुश्किल होगा. क्या आप विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?’

गवर्नर ने कहा है कि ‘अगर आप ‘विश्वास प्रस्ताव’ लाते हैं तो पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग की जाए. ‘विश्वास प्रस्ताव’ का लाइव प्रसारण किया जाए.’ उन्होंने यह भी पूछा है कि सत्र बुलाया जाता है तो विधानसभा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे किया जाएगा?

अशोक गहलोत अपने पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत के बाद से ही अपना पलड़ा मजबूत करने के विकल्पों पर तेजी से एक्शन ले रहे हैं. इसी क्रम में वो विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं क्योंकि पायलट खेमे के विधायकों को स्पीकर की ओर से अयोग्यता का नोटिस दिया गया है. पायलट खेमे का कहना है कि स्पीकर ऐसे वक्त में विधायकों पर यह कार्रवाई नहीं कर सकते, जब सदन सत्र में नहीं है. फिलहाल तो वैसे भी शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से सुनाए गए फैसले के अनुसार स्पीकर फिलहाल विधायकों पर कार्रवाई नहीं कर सकते.

गहलोत लगातार अपने साथ बहुमत होने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि सदन बुलाया जाए और वहां दूध का दूध पानी का पानी किया जाए, लेकिन गवर्नर की ओर से हो रही देरी उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है.

Related Tags:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts