Zomato के शेयरों में आज यानी 5 अप्रैल सुबह के कारोबारी सत्र में 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। बता दें कि देश के 2 टॉप फूड डिलीवरी ऐप्स कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI ) के रडार पर आ गए है।
CCI ने 4 अप्रैल को कहा है कि Swiggy और Zomato के कारोबारी प्रैक्टिस के जांच की जरुरत है। गौरतलब है कि इन दोनों ऐप्स पर आरोप है कि इन्होंने पेमेंट साइकिल में देरी , नियमों को एकपक्षीय तरीके से लागू करने और बढ़ा- चढ़ाकर कमीशन वसूलने जैसे गलत कारोबारी तरीके अपनाए है।
फिलहाल 09:50 बजे के आसपास यह शेयर एनएसई पर 2.25 रुपये यानी 2.61 फीसदी की गिरावट के साथ 83.95 रुपये पर नजर आ रहा था। आज अब तक इसने 84.70 रुपये का इंट्राडे हाई और 82.15 रुपये का इंट्राडे लो छुआ है।
बता दें कि Swiggy और Zomato पर यह आरोप नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने लगाए है और इस बारे में शिकायत मिलने पर CCI ने मामले की जांच करने का निर्णय लिया है। CCI का कहना है कि पहली नजर में Zomato और Swiggy के कारोबारी तरीके में अनियमितताएं नजर आती है जिसको लेकर डायरेक्टर जनरल की तरफ से जांच की जरुरत है। इस जांच से ही यह पता चल पाएगा कि क्या इन दोनों फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स ने नियमों का उल्लघंन करके गलत ट्रेड प्रैक्टिस अपनाई है।
CCI ने डायरेक्टर जनरल से अपनी रिपोर्ट 60 दिन के अंदर जमा करने के लिए कहा है। देश भर में 50,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट का प्रतिनिधित्व करने वाल नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान Zomato और Swiggy की गैर प्रतिस्पर्धात्मक गतिविधियों में कई गुने की बढ़ोतरी देखने को मिली है। तमाम चर्चाओं और बातचीत के बाद भी Swiggy और Zomato ने रेस्टोरेंट की मुश्किलों के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
NRAI का आरोप है कि रेस्टोरेंट से लिया जाने वाला कमीशन गैरवाजिब है क्योंकि यह 20-30 फीसदी के काफी ज्यादा हाई रेट पर लिया जा रहा है। इस शिकायत में यह भी कहा गया है कि Zomato के प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड रेस्टोरेंट से लगभग 27.8 फीसदी कमीशन लिया जाता है। वहीं क्लाउंड किचन पर लागू यह कमीशन 37 फीसदी तक हो सकता है जो पूरी तरह से गलत है।