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500 स्मॉलकैप्स स्टॉक्स में फरवरी में आई 10-92% की गिरावट, 3% कमजोर हुआ बाजार

500 स्मॉलकैप्स स्टॉक्स
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भारतीय बाजारों में फरवरी में अत्यधिक वोलाटिलिटी देखी गई और वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स जैसे यूनियन बजट और रूस-यूक्रेन संकट के कारण 3 प्रतिशत की गिरावट आई। Bonanza Portfolio के हर्ष पारेख ने कहा, “इंडेक्स का स्ट्रक्चर निगेटिव हो गया है और पिछले कई कारोबारी सत्रों से डाउनवर्ड स्लोपिंग ट्रेंडलाइन अच्छे रेजिस्टेंस के रूप में काम कर रही है।” 1 फरवरी को पेश हुए बजट के चलते महीने की शुरुआत तेजी के साथ हुई लेकिन कमजोरी पीएमआई डेटा, बॉन्ड यील्ड्स और क्रूड ऑइल की बढ़ती कीमतों के बीचे मार्केट इसके तुरंत बाद दबाव में आ गया।

इसके बाद अगले 2 हफ्तों यानी 7-18 फरवरी के बीच मार्केट लगातार वोलाटाइल रहा और RBI policy की घोषणा के बीच नीचे गिरकर बंद हुआ। फरवरी के अंतिम सप्ताह में, 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के कारण बाजार में गिरावट का सिलसिला बढ़ा, जिससे बाजार में अत्यधिक वोलाटिलिटी दिखाई दी। वहीं 24 फरवरी को भारतीय बाजारों में सबसे बड़ी सिंगल डे गिरावट देखने को मिली।

FIIs ने लगातार पांचवें महीने बिकवाली जारी रखी। उन्होंने महीने के दौरान 45,720.07 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (domestic institutional investors) ने 42,084.07 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सेस में क्रमश: 5 प्रतिशत और 8.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ ब्रॉडर इंडेक्सेस ने मुख्य बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि करीब 500 स्मॉलकैप शेयरों में 10-92 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।

इनमें Forbes Gokak, Syncom Formulations, Lasa Supergenerics, GE Power India, Brightcom Group, Urja Global, Mirc Electronics, Mahindra Logistics, Take Solutions, Himatsingka Seide, JBM Auto और Indiabulls Housing Finance जैसे 12 शेयर 20-92 प्रतिशत तक टूट गए।

वहीं 30 स्मॉलकैप शेयरों में 10-57 प्रतिशत की तेजी आई। इनमें Vadilal Industries, Excel Industries, Shankara Building Products, Orient Bell, Eveready Industries India, Sandur Manganese and Iron Ores, Ambika Cotton Mills और TCPL Packaging शामिल हैं।

Kotak Securities के श्रीकांत चौहान ने कहा, “भारत के लिए कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें एक बड़ी चिंता है, जो तेल आयात बिल में वृद्धि करेगी और बाद में मुद्रास्फीति में वृद्धि को ट्रिगर करेगी।”

चौहान ने कहा “वर्तमान में बाजार 16,500 और 16,750 के बीच मंडरा रहा है। ट्रेडर्स के लिए 16,600 तत्काल सपोर्ट स्तर होगा और इसके ऊपर इंडेक्स 16,850-16,950 तक जा सकता है। हालांकि 16,600 का स्तर टूटा तो निफ्टी 16,500-16,350 तक करेक्ट हो सकता है।”

वहीं सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो Nifty PSU bank और Media इंडेक्स में 10-10 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं रियल्टी और ऑटो में क्रमश: 9 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की गिरावट आई। निफ्टी मेटल एकमात्र इंडेक्स रहा जो 7.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुआ।

 

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