Business

Mastercard को RBI के बैन से बड़ा झटका! अब आगे क्या? पुराने ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर?

Email :52

लोकल डेटा स्टोरेज के नियमों को लेकर केंद्रीय रिजर्व बैंक  की पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ काफी वक्त से खींचतान चल रही है. इस लड़ाई में बुधवार को इस क्षेत्र की ग्लोबल दिग्गज Mastercard को बड़ा झटका लगा है. आरबीआई ने बड़ा एक्शन लेते हुए सर्विस प्रोवाइडर के भारत में नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी है. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि कंपनी ने लोकल डेटा स्टोरेज के उसके नियमों का उल्लंघन किया है. केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘रिजर्व बैंक ने आज  मास्टरकार्ड एशिया पैसेफिंग पीटीई लि. (मास्टर कार्ड) पर 22 जुलाई, 2021 से डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड कार्ड के नये घरेलू ग्राहक बनाने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया.’

मास्टरकार्ड के लिए भारत में यह फैसला बहुत बड़ा झटका है क्योंकि उसकी इस बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है. लंदन की पेमेंट स्टार्टअप कंपनी PPRO के अनुसार, पिछले साल भारत में हुए कुल कार्ड पेमेंट में अकेले 33 फीसदी कार्ड मास्टरकार्ड के थे.

वैसे भी ग्लोबल पेमेंट सर्विस प्रोवाइड भारत में UPI  ट्रांजैक्शन के बढ़ती लोकप्रियता से चिंतित हैं. इसके कार्डलेस और कैशलेस पेमेंट सुविधाओं ने लोगों का भरोसा जीता है और इस माध्यम पर ज्यादा निर्भरता बढ़ाई है. अकेले पिछले महीने जून में ही 2.8 बिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे, जिसमें लगभग 5.5 ट्रिलियन रुपये का लेन-देन हुआ था.

आरबीआई के अनुसार उसने पेमेंट सिस्टम के डेटा के रखरखाव को लेकर 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके तहत सभी संबंधित सर्विस प्रोवाइडरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि वे छह महीने के भीतर भुगतान व्यवस्था से संबंधित सभी आंकड़े केवल भारत में ही रखने की व्यवस्था करें. साथ ही उन्हें इसके अनुपालन के बारे में आरबीआई को जानकारी देनी थी. लेकिन आरबीआई का कहना है कि इस ग्लोबल कंपनी ने देश में अबतक इस नियम का पालन नहीं किया है.

मास्टरकार्ड पर पाबंदी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, ‘कंपनी को पर्याप्त समय और अवसर देने के बाद भी, वह भुगतान प्रणाली आंकड़ों के रखरखाव पर दिशानिर्देशों का अनुपालन करने में विफल रही है.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts